Janmashtami:lord Krishna

  • भगवान श्री कृष्णा 
  • श्रीकृष्ण भगवान विष्णु के 8वें अवतार और हिन्दू धर्म के ईश्वर माने जाते हैं। ... कृष्ण वसुदेव और देवकी की 8वीं संतान थे। मथुरा के कारावास में उनका जन्म हुआ था और गोकुल में उनका लालन पालन हुआ था। यशोदा और नन्द उनके पालक माता पिता थे।  


  • कबीर परमात्मा 
    पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब का जन्म माता के ग्रभ से नहीं हुआ है वो लहरतारा तालाब में एक कमल के फूल पर प्रकट हुए तथा वहां एक निस्तान दंपति नीरू ओर निमा को मिले ओर उनके द्वारा उनका पालन पोषण किया गया


श्री कृष्ण द्वारा की गई लीलाएं 
श्री कृष्ण ने अपने जीवन में अनेकों लीलाएं की वो 16 कलाओं के भगवान है,उनके मामा कंस द्वारा उनको मारने के अनेक प्रयत्न किए गए 
जैसे- पूतना के द्वारा उन्हें जहरीला दूध पिलाना,कागासुर के द्वारा मारने की कोशिश ओर ऐसी ही अनेक प्रयत्न किय गए जिनमें वो सफल नहीं हुआ।


कबीर परमात्मा की लीलाएं
दिल्ली के सुल्तान सिकन्दर लोधी के पीर शेखतखि द्वारा कबीर परमात्मा को मारने के 52 बार प्रयास किय गए 
जैसे - उन्हें खूनी हाथी के सामने डालना, उबलते हुए सरसो के तेल में डालना, उनके गले में जहरीला सांप डालना, जहरीले बिच्छू फेंकना, गरम लोहे को पिघलाकर डालना, अष्टधातु से मारने का प्रयास करना, कुए में डालना ,पानी में डुबोकर मारना ऐसे ही बहुत से प्रयास  प्रयास किए गए जिनमें  शेख तखी सफल नहीं हुआ।

श्री कृष्ण ने अपने दोस्त सुदामा को एक मुट्ठी चावल के बदले राजपाट दिया था


ओर कबीर परमात्मा ने तेमुरलंग एक रोटी के बदले सात पीढ़ी का राज दिय था।
भगवान कृष्ण द्वारा मोरध्वज के बेटे ताम्रध्वज को जीवित करना, लेकिन वो अपनी बहन सुभद्रा के बेटे अभिमन्यु को जीवित नहीं कर पाए।
उसी प्रकार कबीर परमात्मा द्वारा शेख तख़ी की बेटी कमाली को कबर खुदवाकर जिंदा करना ।ओर नदी में बहकर अाई एक लड़के की लाश को जीवित किया तथा उसका नाम कमाल निकाला।
श्री कृष्ण 16कलाओं के धनी है, वहीं कबीर परमात्मा सहस्त्र कलाओं के धनी है।
श्री कृष्ण जन्म मरन के चक्र को नहीं काट सकते तभी उनको अपने राम जन्म में किए गए क्रम को कृष्ण अवतार में भुगतना पड़ा था, उन्होंने राम अवतार में सुग्रीव के भाई बाली को पेड़ के पीछे छिपकर वार किया था जिससे उसकी मृत्यु हुई थी। जो उन्हें कृष्ण जन्म में भुगतना पड़ा क्युकी उनको एक शिकारी के द्वारा विषेले तीर से वार किया गया ओर उस तीर से उनकी मृत्यु हुई ।
इस प्रकार श्री कृष्ण प्रारब्ध के कर्मो को नहीं काट सकते।

पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब की मृत्यु नहीं होती वो सशरीर आते है ओर सशरीर ही सतलोक जाते है, वो हमारे प्रारब्ध के कर्मो को काट सकते है तथा हमें जन्म मरण के इस चक्र से मुक्ति दिलाकर सम्पूर्ण मोक्ष दिलाते है।


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