52_Cruelities_On_GodKabir
कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा है जिनका ना तो जन्म होता है ना मृत्यु होती हैं। ओर वे सशरीर सतलोक से आते है ओर सशरीर वापिस चले जाते है।जिनका मा के गर्भ से जन्म नहीं होता है,वे कमल के फूल पर अवतरित होते हैं।
पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब चारो युग में आते है तथा अपनी लीला करते है,पूर्ण परमात्मा 600 वर्ष पहले आए थे ओर उन्होंने अपने जीवन में बहुत लीलाएं की।
कई बार धरती के दुष्ट प्राणियों ने उन्हें मारने की कोशिश की को इस प्रकार है
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दिल्ली के बादशाह सिकन्दर लोधी के पीर शेखतखी ने कबीर परमात्मा को 52 बार मारने की कोशिश की लेकिन वो हर बार नाकाम रहा , तथा परमात्मा कबीर जी को एक खरोच भी नहीं पहुंचा पाया।
शेखतकी ने कबीर परमात्मा को तोप के गोलों से ,खूनी हाथी के सामने डाला, गहरे कुएं में डाला ,कबीर परमात्मा को मारने के लिए बिच्छू छोड़े,उनके गले में सांप डाला,गंगा दरिया में डाला,तलवार से वार किय, उबलते हुए सरसो के तेल में डाला ओर भी बहुत प्रयत्न किए परमात्मा कबीर साहेब को मारने की लेकिन वह परमात्मा का बाल भी बांका नहीं कर पाया।
परमात्मा कबीर साहेब को बदनाम करने की कोशिश
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शेखतकी पीर ने कबीर साहेब को नीचा दिखाने के लिए 3 दिन के भंडारे की कबीर साहेब के नाम से सभी सभी आश्रमों में झूठी चिठ्ठी डलवाई थी कि कबीर जी 3 दिन का भंडारा करेंगे सभी आना भोजन के बाद एक मोहर, एक दोहर भी देंगे। कबीर साहेब ने 3 दिन का मोहन भंडारा भी करा दिया था और कबीर साहेब की महिमा भी हुई।
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